चालाक लोमड़ी बाल कहानियॉ

चालाक लोमड़ी बाल कहानियॉ

एक भूखे कौए को कहीं से पनीर का एक टुकड़ा मिला। कौवा पेड़ की टहनी पर बैठकर अपनी भूख शांत करना चाहता था। तभी एक लोमड़ी पेड़ के नीचे आई। उसने कौए को पनीर के टुकड़े के साथ देख लिया था। लोमड़ी को देख कोएने पनीर का टुकड़ा मजबूती से चोच मैं दबा लिया। लोमड़ी ने पनीर का टुकड़ा पानी के लिए तरकीब सोची व कौए का ध्यान अपनी ओर खींचना चाहा। लोमड़ी ने कहा कौएभाई तुम बहुत मीठा गाते हो मुझे अपना गाना तो सुनाओ। प्रशंसा सुनकर कौआ खुश होकर कांव कांव करने लगा और पनीर का टुकड़ा नीचे गिरा गया। गिरते हुए पनीर के टुकड़े को लोमड़ी ने लपक लिया। लोमड़ी मुस्कुराए और पनीर का टुकड़ा लेकर वहां से भाग निकली। कौआ उदास होकर पेड़ पर बैठ गया। उसकी समझ में आ गया था की लोमड़ी ने प्रशंसा करके उसे मूर्ख बनाया था।

        शिक्षा:- किसी काम को करने से पहले आगे पीछे विचार ले।

भूखी लोमड़ी/लोमड़ी और अंगूर

एक बार एक लोमड़ी थी। एक दिन वह बहुत भूखी थी । वह भोजन की तलाश में इधर-उधर भटक रही थी। वह अंगूरों के एक बगीचे में गई। उसने पके हुए और मीठे अंगूरों का एक गुच्छा देखा। वह प्रसन्न हुई। वह उन्हें खाना चाहती थी। किन्तु गुच्छा पर थे। लोमड़ी उन तक नहीं पहुँच सकी। वह उसकी ओर बार-बार कूदी। वह थक गई । वह उनको नहीं पकड़ सकी। वह चली गई। उसने कहा, “अंगूर खट्टे हैं।” वह बहुत दुःखी हुई।
शिक्षा : हाथ नहीं आने वाले अंगूरों को खट्टा बताया जाता है। 


 जैसे को तैसा || बाल कहानी || बाल गतिविधियॉ


 
Pre Child Education (प्री चाईल्ड एजुकेशन ) चैनल के माध्यम से बच्चों ( प्री प्रायमरी और प्रायमरी ) को क्रियात्मक गतिविधि आधारित शिक्षा प्रदान करने की कोशिश कर रहे है। जो बच्चो के मानसिक विकास में सहायक होगी। इस के अलावा बच्चों को कक्षा के अन्य विषय भाषा, अंक ज्ञान, क्रियात्मक, रचनात्मक, पर्यावरण आदि विषय से  सम्बंधित जानकारियॉ भी प्रदान की जावेगी जो बच्चों के स्कूल शिक्षा में सहायक होगी। बच्चों को इस चैनल पर गतिविधि, बालगीत, बाल साहित्य, कहानियॉ, आदि के माध्यम से शिक्षा प्रदान करने की कोशिश की गई है।
 

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